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Internet of Things (IoT) क्या है और कैसे काम करता है?

क्या आपने कभी Internet of Things क्या है या फिर IOT के विषय में सुना है? ये बहुत ही advanced technology है जिसे की बहुत ही जल्द हम अपने दैनिक जीवन में इस्तमाल करने वाले हैं.

एक सवाल में आपसे करने चाहता हूँ की आपके घर में सब्जी कोन लता है? इसका जवाब है शायद आप या फिर आपके कोई परिवार लोग. कैसा लगेगा आपको यदि में कहूँ की क्यूँ न आपका fridge खुदबकुद सब्जी की availability check करके खुद सब्जी के लिए order place कर दे. है न ये बहुत ही अद्भुत technology.

बस में इसी के विषय में आपको आज बताने वाला हूँ की कैसे Internet of Things हमारे जीवन को और भी आसान बनाने वाला है.

Internet of Things एक ऐसा concept है जिसके मदद से हमारे सारे काम automatic mode में चले जायेंगे. हमें उनके विषय में और चिंता करने की जरुरत नहीं है. इससे हमें अपने दैनिक कम करने की जररूत नहीं है.

तो इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को आज में Internet of Things क्या होता है और इसे हम अपने काम में कैसे इस्तमाल कर सकते हैं के बारे में detail में जानेंगे.

IoT का Full Form है  Internet of Things (IoT). ये एक ऐसा concept है जो ये बताता है की कैसा होगा अगर दुनिया की सारी चीज़ें (physical objects) जिसे की दैनिक इस्तमाल में लाया जाता है।

अगर internet से connect हो जाएँ तब. इस Internet of Things में ये सारे connected devices एक दुसरे को identify कर सकें जो की internet के साथ connected हों.

अगर इसे में आसान भाषा में कहूँ तब ये एक ऐसा concept है जिसमें सभी उपकरण जो की On या Off Switch से चलते हैं उन्हें Internet के साथ connect कर दिया जाये, या फिर एक दुसरे के साथ connect हो सकें.

इन उपकरणों के भीतर सभी दैनिक में इस्तमाल हो रहे चीज़ें शामिल है जैसे की cell phones, coffee makers, washing machines, headphones, lamps, सारे wearable devices और वो सब कुछ जिसके विषय में आप सोच सकें.

ये और भी आसान भाषा में – Internet of Things (IoT) एक ऐसा concept है जहाँ चीज़ें (Things) एक दुसरे के साथ बातचीत कर सकें या फिर दुसरे उपकरणों के साथ बात कर सकें.

Internet of Things – उदहारण

Contents

इस concept को और अच्छे से समझने के लिए चलिए एक उदहारण का सहारा लेते हैं जिससे आप और भी बेहतर तरीके से इसे समझ सकते हैं.

सोच लें के आप सुबह के समय में अपने खटिये पर लेटे हुए हैं और आपको नींद भी आ गयी है.
इतने में आपके हाथों में स्तिथ sensors को आपके heartrate में कुछ असामान्य लगता है, सासें बढ़ने लगती है, आपके व्यवहार में भी काफी बदलाव आता है.

इसलिए आपको धीरे से उठाने के बदले में ये यन्त्र बड़े जोरों से vibrate करने लगते हैं जिससे की आपका ध्यान उनके और आकर्षित कर सकें. इतने में आपका नींद टूट जाता है और आप अपने छाती को पकड़कर वहीँ अपने शरीर को सीधा करने की कोशिश करते हैं. इतने में आपको ये पता नहीं चलता है की आपके साथ क्या हो रहा है और आप अपने phone के तरफ बढ़ते हैं.

किसने ये term Internet of Things रखा था?

सन 1999 में एक scientist जिनका नाम था Kevin Ashton सबसे पहले इस concept का नाम ‘Internet of Things’ रखा था. तब वो P&G (जो की बाद में MIT’s Auto-ID Center बना) में काम किया करते थे.

ये भले ही एक नया term था, लेकिन इसके operation नए नहीं थे. इनके operation में जो techniques इस्तमाल में लाये जाते हैं जैसे की pervasive computing, ubicomp, और ambient intelligence इस सब की जानकारी पहले से ही लोगों को थी.

Note :  आपके जानकारी के लिए बता दूँ की Internet की first version को data creation internet के लिए बनाया गया था. वहीँ next version को data created by things के लिए बनाया गया है.

कोन कोन से devices IoT का हिस्सा बन सकते हैं ?

इसका बहुत ही आसान सा जवाब है की कोई भी चीज़ जिसे की connect किया जा सकता है उन्हें connect कर सकते हैं.

कोई भी device, अगर उसमें on और off की switch हो तब chances हैं की वो IoT का हिस्सा बन सकते हैं. आम तोर से ये देखा गया है की connected devices के प्राय तोर से I.P address होते हैं.

वहीँ Internet Protocol Version 6 (IPv6), के होने से उन devices में IP address को assign करना बहुत ही आसान हो गया है. क्यूंकि इसके मदद से अनगिनत devices के साथ connect किया जा सकता है.
ऐसे चीज़ें जिन्हें आप internet के साथ connect कर सकते हैं :

  • Connected Wearables – Smartwatches, Smart glasses, fitness bands etc.
  • Connected Homes – इसमें ऐसे उपकरण शामिल है जिन्हें की हम घर पर इस्तमाल करते हैं.
  • Connected Cars – vehicles जो की internet के साथ connect हो सकें.
  • Connected Cities – smart meters जो की आसानी से ये analyse कर सकते हैं water, gas, electricity के usage को

जिसे हम Operationally कह सकते हैं की ऐसे network जिनके भीतर बड़े आराम से Internet of things के उपकरण connect हो सकते हैं –

  • BAN (body area network): wearables,
  • LAN (local area network): smart home,
  • WAN (wide area network): connected car, and
  • VWAN (very wide area network): the smart city.

इस flow का key ये है की यहाँ data को control किया जा सकता है. ख़ास इसीलिए Google एक ऐसा Glass और Lens offer कर रहा है जो की NEST के साथ आपके heath data को synchronize कर देता है और Google Car जो की पुरे शहर में आपके location को track करे.

इन सबके पीछे का idea ये है की आपको Google Cloud और उसके services को कभी छोड़ने की जरुरत ही नहीं. आपके products ही gateways है networks के साथ link करने के लिए.

हमें Internet of Things क्यूँ चाहिए?

यहाँ पर में आप लोगों को इसके उपयोगिता के बारे में बताने वाला हूँ –

  • आपके physical और mental health के लिए best possible feedback प्रदान करता है.
  • Real-time monitoring में best possible resource allocation प्रदान करता है.
  • Mobility Patterns में best possible decision making प्रदान करता है.
  • इसके साथ local providers को best possible connection प्रदान करता है जिनके की आचे global potential हों.

IoT के मुख्य Opportunities और Benefits क्या हैं

IoT हमें ऐसे opportunity प्रदान करता है जिससे हम ज्यादा efficiently हमारे काम कर सकें जिससे की हमारे समय की बचत हो, और उसके साथ पैसों की भी. वहीँ हमारा काम भी आसानी से हो जाये.

Internet of Things हमें हमरे दैनिक के issues को समाधान करने में मदद करता है – जैसे की एक busy area में अपने car के लिए parking space खोजना, अपने home entertainment system को link करना और fridge के webcam से ये check करना की हमें और दूध चाहिए या नहीं.

इसके साथ IoT हमें industrially भी बहुत से benefits प्रदान करता है जैसे की :

1.  Unprecedented Connectivity का होना : IoT के data और insights के मदद से Industries को ये मालूम पड़ता है की उनके consumers को किस प्रकार की devices चाहिए और किस प्रकार की service जिससे वो और भी बेहतर innovative new products प्रदान कर सकें, इसके साथ वो अपने competitors के तुलना में ज्यादा अच्छे services प्रदान कर सकेंगे.

2.  Increased Efficiency: जैसे की हम जानते ही हैं की IoT networks बहुत ही smart और intelligent होते हैं जो की real-time data arm employees को प्रदान करते हैं जिसमें ऐसे information भी होते हैं जिससे की day-to-day efficiency और productivity को optimize किया जा सके.

3.  Cost Savings: IoT devices बहुत ही accurate data प्रदान करते हैं और Organization को automated workflows भी प्रदान करते हैं जिससे वो उनके operating costs और errors को minimize कर सकें.

4.  Time Savings: Smart devices के connect हो जाने से वो अलग अलग organizations को System और processes को enhance करने में मदद करते हैं जिनसे उनकी बहुत समय की बचत होती है.

IoT के मुख्य Threats और Challenges क्या हैं

ये तो हमें भी clearly दिखाई पड़ रहा है की Technology बड़ी जल्द ही तरक्की कर रहा है. ऐसे में अगर इसे सही समय में control नहीं किया गया तब ये हमारे लिए भविष्य में बड़ी बड़ी मुश्किलें ला सकता है.

7 billion से भी ज्यादा devices अब भी safe नहीं है और Manufactures को इसे 2020 से पहले secure करना पड़ेगा. इससे इस बात की गंभीरता का अनुमान लगा जा सकता है.

एक उदहारण के लिए IoT botnets, जिन्हें की network को manage करने के लिए तैयार किया गया था. लेकिन समय के साथ साथ इन्हें और update नहीं किया गया है जिसके चलते बहुत से बड़े websites और services 2016 में offline हो गए. परिणामस्वरुप लोगों को बहुत से मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

सभी चीजें जो की internet से connected हो उन्हें hack किया जा सकता है, ऐसे में IoT भी इसमें शामिल है. ऐसे बहुत से scenes आप लोगों ने movies में देखे होंगे जहाँ की Hackers कैसे online बहुत से sites को hack कर लेते हैं.

यदि सभी चीज़ें online से link हो जाएँगी तब बहुत से privacy issue होने के बहुत chances हैं. भविष्य में intelligence services इस internet of things का इस्तमाल identification, surveillance, monitoring, location tracking, और recruitment targeting के लिए कर सकते हैं

Summary

यदि में Internet of Things की बात करूँ तब ये devices का समाहार है – जो की simple sensors से smartphones और wearables तक – जब सभी कुछ एक साथ connect हो जाएँ.

IoT के माध्यम से अब devices आपस में भी बात कर सकते हैं और हमारे बहुत से कार्य कर सकते हैं. IoT एक बहुत ही बड़ा network है connected “things” (जिसमें की people भी शामिल हैं) का.

यहाँ relationship हो सकती है people-people, people-things, और things-things के बिच क्यूंकि सभी एक दुसरे के साथ एक ही network में connected हैं. ऐसे बहुत सारे Companies जो की बहुत ज्यादा IoT, AI और machine learning का इस्तमाल कर रहे हैं. ऐसा समय न आये की हमें पूरी तरह से IoT के ऊपर भी depend करना पड़े.

आज आपने क्या सीखा

मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को Internet of Things क्या है? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को Internet of Things क्या है के बारे में समझ आ गया होगा.

मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.

मेरा हमेशा से यही कोशिश रहा है की मैं हमेशा अपने readers या पाठकों का हर तरफ से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी doubt है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं. मैं जरुर उन Doubts का हल निकलने की कोशिश करूँगा.

आपको यह लेख What is Internet of Things in Hindi कैसा लगा हमें comment लिखकर जरूर बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले. मेरे पोस्ट के प्रति अपनी प्रसन्नता और उत्त्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

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